युवा हिंदुस्तानी...
एक शुरुआत...
....ये कोई शुरूआत नहीं है...न ही कोई मिशन..बल्कि ये एक नजरिया है...एक सोच है...जो वक्त की आपाधापी में ज़हन से दूर हो चुकी है... धुंधली ही सही...लेकिन वो सोच अब भी जिन्दा है.....ये वो सवाल है...जिसका जवाब हम जानते हैं...लेकिन देना नहीं चाहते....ये राह है...जो हमने देखी है...लेकिन चलना नहीं चाहते...ये वो बदलाव है..जो हमें पसंद है...लेकिन हम बदलना नहीं चाहते..
कभी सोचा है क्यों...
तिरंगा....इस
शब्द को सोचो...समझो........ताकत खुद-ब-खुद बढ़ जाएगी...रंगों में बहता खून खुद बा खुद खौलने लगेगा....क्यों एक सिपाही सरहद पर जान देने को तैयार है...शायद ये इन तीन रंगों के पीछे छिपा एक जज्बा ही तो है कि सियाचीन की बर्फीली पहाड़ियों पर एक सिपाही अपनी हड्डियां गला देता है......क्यों परदेस में हमें खुद के भारतीय होने पर गर्व होता.....क्यों हमारे हाथ में जब तिरंगा होता है..तो हम उसे झुकने नहीं देते......गिरने नहीं देते....वजह है....इस तिरंगे से लिपटे... तीन रंग....जो हमारे शरीर, लहू और आत्मा की पहचान हैं.
बात देश को बदलने की नहीं है...देश वैसा ही है जैसा बरसों पहले था...कुछ बदल है..तो हम...कुछ बदला है तो हमारी सोच....सोच बदलेगी तो क्रांति फिर आएगी...फिर बसंती रंग आंखों पर छाएगा...सोने की चिड़िया फिर चहचहाएगी...
युवा हिन्दुस्तानी...ये बस नाम नहीं है...बल्कि ये एक अहसास है...कि हम सभी के अंदर आज भी एक हिन्दुस्तानी बसता है...जो आवाज़ देता है..लेकिन हम उसे बाहर नहीं आने देते..ये सोचकर कि आज वक्त नहीं है...आज ऑफिस जाना है...आज का दिन परिवार के लिए है...आज दोस्त से मिलना है......हम आपको आपको असली दोस्त से मिलवाना चाहते हैं...हम आप को आप से मिलवाना चाहते हैं....हम उस चीख को , जो आपके अंदर से उठती है...आपकी आवाज़ बनाना चाहते हैं...हम आपकी पहचान को..आपकी ताकत बनाना चाहते हैं...
भारत माता की जय...
awesome !!
ReplyDeleteu very ture.. bharat mata ki jai!! :D
ReplyDelete